न रहबर ने लूटा न रहगुजर ने लूटा
सच तो ये है यारो मैंने ही खुद को लूटा
मै अक्क्सर झूठ बोलता हूँ, खुदा ने मुझे अधेरे में रखा
हसीन रौशनी के खातिर खुद ही निगाहे बंद किये रखा
वर्क से खवाबो में डूबा रहा, दम घुटने लगा तो मै चिल्लाने लगा
फिर मै ये कैसे कह दूं , कि किसी सकी ने मैकदे को लूटा
ये तो मेरी मुगालते रही, हर आहट को साया मान लिया
ये मेरा गुनाह रहा एक देवता को बेवफा मान लिया
मै जब भी कुछ भी कहा, तो वो जाने क्यूँ मौन रहा
उसका कसूर सिर्फ ये रहा कि वो मेरा खुदा रहा
किसी पत्थर ने मुझसे कब कहा, मुझे अपना खुदा बना लो
मै तो खुद ही ज़माने साथ भीड़ में शामिल हो गया
कहा आँखों में कोई यादे थी, कहा पैमाने में साकी की सूरत
एक सुर्ख सहर के लिए मै तो बीएस अधेरे में ताकता रहा
नहीं मालूम था अजान का तरीका, न वाकिफ रस्मे इबादत से
खुदा ने जब आइना दिखा दिया तो मै खुद ही शर्मा गया