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Monday, August 23, 2010

इंतजार ......................




हसते हुए छोड़े जा रहे है ऐ गीत हम तुम्हे 
लौट के हम अपनी चाहत का सबब मांगेगे 

हर नजर से बचाए रखना ऐ मेरे खुदा 
वर्ना हम तुमसे अपनी इबादत का असर मागेंगे 

खुश रहना अपनी शबीह मेरी निगाहों में देख कर
वरना हम फिजाओं से तरनुम की कशिश मागेंगे 

तुम्हारी सारी तन्हाई साथ लिए जा रहे हम अपने 
मायूस हुए तो इस शहर से होने का शबब मागेंगे 

तुम्हारे चेहरे की एक सिकन रुला देगी मुझे वहा
वर्ना हम खुद से अपनी दुआओं का असर मागेंगे 

मेरे आंसू तो मेरे वजूद का सच बन गए है 
वो लम्हे जो साथ गुजरे तन्हाई में हिसाब मागेंगे 

2 comments:

  1. "वर्ना हम खुद से अपनी दुआओं का असर मागेंगे " ... be-hisaab hai ye hisaab. hosh ud jaate hain log jab hisaab ka naam sunte hain... hamne to bahut bana rakkha hai..

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  2. bahut accha likha hai aapne... bahut komal bhav hain ... lekhak ki masumiyat darshaate hain ..
    yeh misraa behad pasand aaya hume..
    "वर्ना हम तुमसे अपनी इबादत का असर मागेंगे"

    maano lagta hai baccha apni maa se wadaa le kar jaa raha hai ki jab wo laute to uski cheez sambhal kar rakhna...
    too good!!!!!!!!

    God bless u bhaiya!!
    keeping penning ... aap acccha likhte ho
    :)

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