आंसू की तो जिन्दगी बिना डाल के पत्तो की कहानी है
जहाँ वाले इसे हरा कहते है ये तो सूखेपन की लाली है
तारीफ है उस चाहत की हर चाहत रूठे तकदीर की कहानी है
घटाओ में छुपी तकदीरे है किसी के जुल्फों की नादानी है
सूनापन तो चाह था बिना तस्वीर की निगाहों का
तस्वीरे तो कई बदली तदवीर के खाक की कहानी है
हर शाम लिखे चंद गीत हमने सुबह वो पन्ने भूल गए
क्यूँ रूठ गयी तकदीर मुझसे इसी जुस्तजू की कहानी है
सिसकियों की आहत घुट गयी मुरझाये चेहरे का तोहफा है
एक खवाब को खुदा माना था उस याद की सजा पानी है
आशिक दिल का इलज़ाम था मुझ पे चंद यादो का दीदार हुआ
अब तो यादे भी साथ छोड़ गयी रब की इनायत होनी है
जला दी वो किताब हमने जो कहती थी प्यार खुदा दीदार है
प्यार का नया अर्थ बनाना है क्यूंकि नए किरदार की कहानी है
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