आँसू
Sunday, June 21, 2015
आँसू: अब तो सपनों के भी भावार्थ बदल गए
आँसू: अब तो सपनों के भी भावार्थ बदल गए
: एक अरसे से खुद को समझाता आ रहा हूँ धीर धरो एक बार शकु से बैठ कर बात करेंगे गुजरे वक़्त का सलीके से हिसाब करेंगे सबका हक हिस्...
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