(C) डॉ अलोक त्रिपाठी २०१९ |
ऐ जिंदगी एक बात बताओ
जब कभी मुझसे मिलोगे
तो मुझसे शर्माओगे तो नहीं ?
माना
मेरा कोई कोई वजूद
नहीं तेरे आगे
लेकिन
ये अंतर् राम व् सबरी
से जयेदे तो नहीं ?
ऐ जिंदगी एक बात बताओ
मेरे
हिसाब किताब का लेखा दे
दो
मेरे
सरे गुनाहों का नाम दे
दो
न शर्माओं, न हिचकिचाओ
तुम
तो सबसे अपने हो
मेरे.
तुमसे
जयदे तो किसी ने
नहीं देखा
ऐ जिंदगी एक बात बताओ
सच २ बताओ न
मुस्कुराओ न मुँह छुपाओ
बस बोल दो सारे
राज खो भी दो
तुमने
सबसे जयेदे देखा है मुझे
मेरे
सारे कर्मो के सबसे बड़ी
गवाह हो
सच २ बताओ न
ऐ जिंदगी एक बात बताओ
सच बताओ न सही
से तो देखा है
न मेरा हिसाब
मेरे
आंसूं मुझसे कह रहे है
की तुमसे कोई गलती हुई
है
जाने
क्यों मेरा दिल कहता
है कि तुमसे गलती
हुई है
तुमने
कुछ बेवफाई की है
ऐ जिंदगी एक बात बताओ
देखो
न मेरा सच कोई
बहुत बड़ा तो नहीं
कल मै रहूँ न
रहूँ
पर ये सवाल तुमको
परेशान करेंगे
लोग
बार २ तुमसे पूछेंगे
किस
जुर्म की सजा दी
है मुझे
ऐ जिंदगी एक बात बताओ
सच सच बताओ न
मेरे हक़ से ज्यादा तो नहीं लिया मुझसे ?
जहाँ नहीं जीना था वहीं जीने को मजबूर तो नहीं किया मुझे
सच २ बताओ न मुझे
अब मै भी तक रहा हूँ,
और हा ये तुम नहीं बताओगे मुझे
ये सिर्फ मेरा ही सवाल
नहीं है
मेरे
जैसे लाखों तुमसे ये ही पूछेंगे
हर बात पर ऊँगली
उठाएंगे
किस
किस से मुँह छुपाओगे
मुझे
बहुत दर्द होगा तुम्हारे
वेवफाई पर
मेरे सवालों की फेहरिस्त काफी लम्बी है
शायद मेरे गुनाहों से भी ज्यादे
पर मासूम बन कर पूछता हूँ
क्युकी तुम ही तो सबसे सगे हो
तुम ही बताओ इन सवालों को लेकर कहाँ जाऊ ?
किसके दर पर सर पटकूं
और कहाँ २ गिड़गिड़ाऊ ?
ऐ जिंदगी एक बात बताओ
ऐ जिंदगी एक बात बताओ
मेरी
फड़कती आँखों ने डराया है
मुझे
खुजलाते
हाथों ने डराया है
मुझे
जब से होश सम्हाला
है
तब से तुम्हारे नाम
से डरा हूँ
अब जब हम मिले
है तो सच बताओं
न
ऐ जिंदगी एक बात बताओ